ताजा खबर

31 दिसंबर के बाद लगेगा 5,000 का जुर्माना! आपके ITR में भी है गलती तो तुरंत कर लें ये काम

Photo Source :

Posted On:Thursday, December 25, 2025

आयकर विभाग ने हाल के दिनों में कई करदाताओं को ईमेल और SMS के जरिए महत्वपूर्ण सूचना भेजी है। इस सूचना में बताया गया है कि उनके द्वारा दाखिल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में किए गए रिफंड के दावे विभाग के डेटा से मेल नहीं खा रहे हैं। इस कारण कई लोगों का रिफंड रोक लिया गया है। विभाग ने ऐसे करदाताओं को सलाह दी है कि वे अपनी गलतियों को सुधारने के लिए 'रिवाइज्ड आईटीआर' (Revised ITR) दाखिल करें।

यदि आपसे भी आईटीआर भरते समय कोई चूक हुई है, तो आपके पास इसे सुधारने का बहुत कम समय बचा है। रिवाइज्ड आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2025 है।

रिवाइज्ड आईटीआर (धारा 139(5)) क्या है?

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) करदाताओं को यह कानूनी अधिकार देती है कि यदि मूल रिटर्न भरते समय उनसे कोई आय की जानकारी छूट गई हो, कटौती (Deductions) गलत भर दी गई हो या गणना में कोई मानवीय त्रुटि हो गई हो, तो वे उसे सुधार सकें। इस प्रक्रिया को ही 'संशोधित या रिवाइज्ड रिटर्न' कहा जाता है।

याद रखें, यदि आपने गलत फॉर्म चुना है या जानकारी सही नहीं है, तो धारा 139(9) के तहत आपका रिटर्न 'त्रुटिपूर्ण' (Defective) माना जा सकता है। समय पर सुधार न करने पर आपका रिटर्न अमान्य हो सकता है और आपको मिलने वाला रिफंड फंस सकता है।

संशोधित रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया

  1. लॉगिन करें: आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल (incometax.gov.in) पर जाकर अपने क्रेडेंशियल्स के साथ लॉगिन करें।

  2. विकल्प चुनें: ‘e-File’ टैब में जाकर ‘Income Tax Return’ और फिर ‘File Income Tax Return’ चुनें।

  3. विवरण भरें: फाइलिंग प्रकार में ‘Revised Return’ चुनें। यहाँ आपको अपने मूल रिटर्न का Acknowledgement Number और फाइलिंग की तारीख देनी होगी।

  4. सुधार करें: अपनी संशोधित जानकारी (जैसे सही आय या डिडक्शन) के साथ नया फॉर्म भरें।

  5. ई-वैरिफाई: संशोधित रिटर्न को सबमिट करने के बाद इसे ई-वैरिफाई करना न भूलें, अन्यथा इसे वैध नहीं माना जाएगा।

समय-सीमा और सावधानियां

आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, 31 दिसंबर 2025 के बाद आप सामान्य तरीके से सुधार नहीं कर पाएंगे। यदि आप यह समय-सीमा चूक जाते हैं, तो आपको 'अपडेटेड ITR' (ITR-U) का विकल्प चुनना होगा। हालांकि, ITR-U दाखिल करना महंगा पड़ता है क्योंकि इसमें ₹5,000 तक का जुर्माना (Late Fee) और अतिरिक्त कर देयता हो सकती है। साथ ही, इससे रिफंड मिलने की प्रक्रिया भी लंबी और जटिल हो जाती है।

क्या सबको रिवाइज्ड रिटर्न भरना जरूरी है?

नहीं, यह सभी के लिए अनिवार्य नहीं है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, यदि आपके द्वारा किए गए दावे (Exemptions/Deductions) पूरी तरह से वास्तविक हैं और आपके पास उनके पर्याप्त दस्तावेज मौजूद हैं, तो आपको केवल विभाग के नोटिस का जवाब देना होगा। यदि डेटा में कोई विसंगति नहीं है, तो दोबारा रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है।

स्टेटस कैसे चेक करें?

अपना रेक्टिफिकेशन या रिवाइज्ड रिटर्न स्टेटस जानने के लिए आयकर पोर्टल पर 'My Account' मेन्यू में जाएं। वहां ‘View e-Filed Returns/Forms’ विकल्प पर क्लिक करें और ड्रॉपडाउन से स्टेटस चेक करें।


उज्जैन और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ujjainvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.